सिन्हा पर जेटली का तंज, ‘ अपने रिकॉर्ड भूल नौकरी खोज रहे’

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भाजपा नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए जवाबी हमला बोला। एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में जेटली ने सिन्हा ने 80 साल की उम्र में नौकरी चाहने वाला करार देते हुए कहा कि वह वित्त मंत्री के रूप में अपने रिकॉर्ड को भूल गए हैं। जेटली ने सिन्हा पर तंज कसते हुए कहा कि वह इस तरह की टिप्पणियों के जरिये नौकरी ढूंढ रहे हैं। सिर्फ पीछे-पीछे चलने से तथ्य नहीं बदल जाएंगे।

वित्त मंत्री जेटली ने ‘India @70 Modi @3.5 पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि इस किताब के लिए उपयुक्त शीर्षक ‘India @70, Modi @3.5 and a job applicant @ 80, होना चाहिए था। अर्थव्यवस्था, गिरती जीडीपी को लेकर लगातार विपक्ष की आलोचना झेल रहे और फिर अपनों के निशाने पर आए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिया है। भाजपा नेता यशवंत सिन्हा की आलोचना पर जेटली ने कहा कि, पूर्व वित्त मंत्री होने का सौभाग्य नहीं। लिहाजा लेख नहीं लिख सकता हूं। यशवंत सिन्हा ने कहा था कि जेटली ने अर्थव्यवस्था का कबाड़ा कर दिया है।

यशवंत-चिदंबरम पर खूब बरसे जेटली
वित्त मंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति पर बोलना और मुद्दे को नजरंदाज करना काफी आसान है। जेटली अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के तीन साल के निचले स्तर पर पहुंचने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में सिन्हा और चिदंबरम ने एक-दूसरे को क्या बोला है उस पर उन्होंने कुछ शोध किया है।जेटली ने दिया उदाहरण
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, एक ने दूसरे के बारे में कहा था, ‘‘चिदंबरम को वित्त मंत्री के रूप में मेरे जैसा प्रदर्शन करने के लिए फिर जन्म लेना होगा। इसके बाद उन्होंने वित्त मंत्री चिदंबरम को ऐसा अक्षम चिकित्सक से जोड़ा था जो देश के राजकोषीय घाटे को काबू में नहीं रख पा रहा है। इसके बाद सिन्हा ने कहा था कि मैं उनपर अर्थव्यवस्था को जमीन पर लाने का आरोप लगाता हूं।’’ जेटली ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री ने चिदंबरम को सबसे अधिक अहंकारी व्यक्ति बताया था जो उनके फोन सुनते रहे।

सिन्हा-चिदंबरम पर किए हमले
जेटली ने सिन्हा का हवाला देते हुए कहा, ‘‘आज मैं पूर्ण जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूं कि जब मैंने एयरसेल-मैक्सिस सौदे का मुद्दा उठाया तो चिदंबरम ने मेरे फोन टैप करने का आदेश दिया।’’ यही नहीं चिदंबरम ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान सिन्हा के कार्यकाल को उदारीकरण के बाद के सबसे खराब साल बताया था।जेटली ने हमले को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उस समय चिदंबरम ने कहा था कि श्री सिन्हा को ज्यादा लोग याद नहीं रखते हैं। चिदंबरम ने कहा था कि 2000 से 2001 और 2002-2003 वृद्धि के मामले में उदारीकरण के बाद के सबसे खराब वर्ष हैं। इसी वजह से प्रधानमंत्री वाजपेयी को उन्हें हटाना पड़ा था।
एक के बाद एक जवाब दिए

उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री होने पर मैं आसानी से संप्रग दो में नीतिगत शिथिलता को भूल जाता। मैं आसानी से 1998 से 2002 के एनपीए को भूल जाता। उस समय सिन्हा वित्त मंत्री थे। मैं आसानी से 1991 में बचे चार अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार को भूल जाता। मैं पाला बदलकर इसकी व्याख्या बदल देता।

इस मौके पर जेटली ने 1999 में संसद में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा उन्हें दी गई सलाह का भी जिक्र किया। उस समय जेटली बोफोर्स मुद्दे पर बोल रहे थे और आडवाणी ने उन्हें सलाह दी थी कि वह व्यक्तिगत टिप्पणियां न करें।’’ जेटली ने कहा कि कई विशिष्ट हस्तियां भी पहले वित्त मंत्री रह चुकी हैं। इनमें प्रणब मुखर्जी (पूर्व राष्ट्रपति) और पूर्व प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) शामिल हैं। इनके अलावा और भी पूववर्तियों ने ‘‘सामंजस्य बिठाते हुये’’ काम किया।

जेटली ने कहा कि पहले नोट बैन और फिर उसके बाद जीएसटी लागू करने को लेकर उनकी आलोचना हुई। इस पर सफाई देते हुए उन्होंने बताया कि पहले दो महीने में जीएसटी संग्रहण अनुमानित आंकड़े के करीब हैं और अगले कुछ महीनों में राजस्व बढ़ेगा। जेटली ने कहा कि पिछले साल की तुलना में प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.7 प्रतिशत बढ़ा है। जेटली ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का पूंजी व्यय इस वित्त वर्ष में तीन लाख करोड़ रुपये। एफडीआई लगातार अब तक के ऊंचे स्तर पर बना रहेगा।

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