शादीशुदा ज़िन्दगी में परेशानी की वजह कहीं आप खुद तो नहीं!

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क्या आपकी शादीशुदा ज़िंदगी में परेशानी है? सब कुछ पहले जैसा नॉर्मल हो जाये इसके लिए आप जवाब तलाश रहे हैं। ये जवाब आपको अपने अंदर ही मिलेगा क्यों कि शादीशुदा ज़िंदगी में परेशानी के जिम्मेदार कहीं ना कहीं आप भी हैं। आइये हम बताते हैं कैसे!

वैवाहिक जीवन में यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि जो झगड़े हो रहे हैं वो आपके कारण ही हो रहे हैं या नहीं। अपने साथी पर दोष मढ़ना और हर बार उसे ज़िम्मेदार ठहराना आसान है। जब चीजें मुश्किलों से भरी होती है तो पार्टनर पर आरोप लगाना आसान है। लेकिन क्या आपको पता है कि आप भी इस सब में बराबर हिस्सेदार हैं।

कुछ ऐसे लक्षण हैं जिनसे पता चलता है वैवाहिक जीवन में कुछ गड़बड़ है। यहां पढ़ें ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में।
क्या “ना” बोलना आपकी आदत में शुमार हो चुका है
क्या आपका पार्टनर जब भी आपसे कुछ कहता है तो आप हमेशा ना कहते हैं? क्या आपको हमेशा इसकी आदत हो गई है?

हर बात पर ना कहना आपकी शादी को मुश्किल में डाल सकता है। हर वैवाहिक रिश्ता ‘एक हाथ दे, दूसरे हाथ ले’ पर चलता है। अगर आप हर बात पर ना कहते हैं तो आज ही अपनी आदत बदल डालिए, क्योंकि आप इस जवाब से अपना वैवाहिक जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।

यदि आपका पार्टनर आपसे कुछ रहा है तो कम से कम विनम्रता से उसकी बात को ज़रूर सुनें। इस बात में कोई शक नहीं है कि हर बात पर ना कहने से आपके पार्टनर को लगता है कि आपको उनकी फिक्र नहीं है। ऐसी भावना का उत्पन्न होना आपके वैवाहिक जीवन के लिए खतरनाक है।

आप राज़ छुपाते हैं
आपके रिश्ते में पारदर्शिता नहीं है। यह दूसरी बड़ी समस्या है। इस वजह से भी कई बार रिश्तों को खराब होते देखा गया है। जब एक पार्टनर चीजें छुपाना शुरू करता है तो दूसरा असुरक्षित महसूस करने लगता है। यदि आप चीजें अपने तक ही रखते हैं तो समस्या यहीं से शुरू हो रही है। इसलिए छुपाने के बजाय उनके सामने एक खुली किताब बनें। इससे कई समस्याएँ हल होंगी और रिश्ता मज़बूत होगा। साथ आप दोनों के बीच विश्वास की डोर मज़बूत होगी।

आप कभी माफ़ी नहीं मांगते
आपने आखिरी बार माफ़ी कब मांगी थी? वैवाहिक रिश्ता खराब होने का एक कारण यह भी है कि आप अपनी गलती नहीं मानते। अपनी गलतियों को मानें और माफ़ी मांगकर कहें कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। सफल वैवाहिक जीवन का मंत्र है कि आप गलती पर माफ़ी मांगे नहीं तो समझें कि शादीशुदा ज़िंदगी खतरे में है।

नाटकीयता का अभिनय करना
यदि आप अपने रिश्ते में कुछ नाटकीयता पैदा कर रहे हैं तो इसे छोड़ दें। नहीं तो आपका रिश्ता तहस-नहस हो सकता है और प्यार का जुनून खत्म हो जाएगा। रिश्तों में नाटकीयता ठीक नहीं है। इससे रिश्ते खराब होते हैं।

गुस्सा
यदि आप गुस्से में, आक्रामक और क्रोधित बने रहते हैं तो इसे छोड़ दें। इससे आपके रिश्ते का मीठापन खतरे में पड़ सकता है और आपका ये बंधन खराब हो सकता है। सकारात्मक क्रोध भी बेकार है। ये चीजें आपके रिश्ते को जलाकर खाक कर सकती है। इन्हें हर कीमत पर त्याग दें। जब निर्णय लें और तर्क करें तो शांत रहें। बातचीत से समाधान निकलता है, गुस्से से कुछ भी हासिल नहीं होता। अपने गुस्से को काबू में रखें नहीं तो रिश्ता और ज़िंदगी दोनों खराब हो जाएंगे। विवाह के समंदर में गुस्सा एक खतरनाक शार्क के समान है।

इसलिए ऊपर की बातें ध्यान रखें और किसी भी कीमत में ये सब ना करें। इन्हें हर कीमत पर नज़रअंदाज़ करने का प्रयास करें। अगर आपको आर्टिकल अच्छा लगा, तो कमेन्ट सेक्शन में अपना फीडबैक लिखें और साथ ही बताएं कि क्या आपकी शादीशुदा ज़िंदगी में कोई समस्या है। हम अपने आर्टिकल के ज़रिये आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।

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