नींद की गोलियों को न बनाएं आदत, हार्ट अटैक का खतरा

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कुछ लोगों को डॉक्टर के कहने पर नींद की गोलियों का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन कुछ लोग किसी न किसी बहाने से नींद की गोलियां खाते रहते हैं। यह सही है कि कुछ समय के लिए यह गोलियां सुकून देती हैं लेकिन इनकी आदत डाल लेना जानलेवा साबित हो सकता है। सख्ती के बावजूद नींद की गोलियों की बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है। आखिर नींद की गोलियां खाने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं, जानें…

गर्भस्थ शिशु को नुकसान
प्रेग्नेंट महिला को नींद की गोलियां नहीं लेनी चाहिए। इससे बेचैनी तो बढ़ती ही है, गर्भस्थ शिशु गंभीर विकृतियों का शिकार हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान नींद न आने की दिक्कत हो तो केवल डॉक्टर की सलाह पर ही कोई दवा लें।

हार्ट अटैक को न्योता
डॉक्टरों की मानें तो नींद की गोलियां ज्यादा खाने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों ने नींद की दवाओं में मौजूद तत्व जोपिडेम को दिल की बीमारियों की वजह बताया है। रोजमर्रा के रूटीन में फेरबदल कर नींद की गोलियों से बचा जा सकता है।

कोमा में जाने का खतरा
जो लोग रोज एक गोली लेने के बजाए उससे ज्यादा गोलियां खाते हैं, उनके कोमा में जाने का खतरा होता है। रीढ़ की हड‌्डी और दमे की दिक्कत वाले मरीजों के लिए यह खतरा और ज्यादा होता है। इन गोलियों से ब्लड प्रेशर, सिरदर्द और स्नायु संबंधी रोग हो जाते हैं।

याददाश्त बिगड़ना
लंबे समय तक नींद की गोलियां लेने से याददाश्त कमजोर हो जाती है। नींद की गोलियां नर्वस सिस्टम को कमजोर कर देती हैं। इससे नर्वस सिस्टम संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। रक्त नलिकाओं में थक्के भी बन जाते हैं। हाई डोज में गोलियां लेने से भूख घट जाती है।

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