ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर ने उम्मीद जताई है कि पर्थ के नए स्टेडियम में होने वाले सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी. नए स्टेडियम में यह पहला टेस्ट मैच होगा.
पर्थ के नए स्टेडियम में सिर्फ दो अंतरराष्ट्रीय मैच खेले गए हैं और यह इस मैदान पर पहला टेस्ट मैच है. इस बात की चर्चा है कि इस पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी.
लैंगर ने पर्थ रवाना होने से पहले मंगलवार को कहा, ‘उम्मीद है कि यह वाका मैदान की पारंपरिक पिच की तरह होगी. हम लंबे समय से गति और उछाल की बात कर रहे हैं. अगर हमें पिच से ऐसी मदद मिली तो यह शानदार बात होगी.’
लैंगर का मानना है कि भारत के साथ होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में वापसी करने के लिए उनकी टीम मानसिक और शारीरिक रूप से अपना सबकुछ झोंक देगी.
क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन 36 डिग्री तापमान रहने की संभावना है. लैंगर का मानना है कि ऐसी परिस्थितियों में तेज गेंदबाजों का तालमेल टीम को सीरीज में वापसी करा सकती है.
मेजबान टीम को उम्मीद है कि पर्थ का विकेट तेज गेंदबाजों के अनुकूल होगी और यहां पर पांच दिन से पहले ही मैच का परिणाम आ सकता है.
लैंगर ने कहा, ‘पर्थ में पहले भी गति और ऊछाल देखने को मिला था. हम वनडे और टी-20 में भी देख चुके हैं कि तेज गेंदबाजों को यहां कितनी मदद मिली थी. सीमित ओवरों के क्रिकेट में भी हमें गति और ऊछाल देखने को मिला था.’
उन्होंने कहा, ‘शुक्रवार का दिन गर्म रहेगा. मुझे लगता है कि यहां टॉस काफी महत्वपूर्ण होने वाला है. हम पिच के हिसाब से ही टीम संतुलन पर काम कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि तेज गेंदबाजों को यहां स्विंग और गति से फायदा मिलेगा.’
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