नई दिल्ली : राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुद करेंगे। राजस्थान से अशोक गहलोत और सचिन पायलट सुबह ही दिल्ली पहुंच गए। इससे पहले शीर्ष दावेदारों समेत वरिष्ठ नेता देर रात तक माथापच्ची करते रहे। हालांकि मध्य प्रदेश में स्थिति साफ बताई जा रही है। यहां कांग्रेस विधायकों ने कमलनाथ को अपना नेता चुन लिया है, जिससे उनके मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ बताया जा रहा है। अंतिम फैसला आलाकमान पर छोड़ा गया है इसलिए आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है।
राहुल के सामने धर्मसंकट!
दरअसल, राहुल गांधी के सामने मुश्किल यह है कि तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री पद का कोई एक दावेदार नहीं है। राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। अब उन्हें दिल्ली बुला लिया गया है। राजस्थान की तरह मध्य प्रदेश में भी कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कुर्सी की जंग छिड़ी थी, लेकिन बताया जा रहा है कि पार्टी सिंधिया को मनाने में कामयाब रही। ऐसे में साफ है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ही मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। हालांकि औपचारिक ऐलान होना बाकी है। कांग्रेस के पास इन दो सूबों के अलावा अभी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को फाइनल करने की चुनौती है, जहां 4 दावेदार मैदान में हैं।
7 लाख कार्यकर्ताओं से मांगा फीडबैक
पार्टी नेताओं का कहना है कि इन तीनों राज्यों के लिए नियुक्त पर्यवेक्षकों और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ राहुल गांधी की बैठक के बाद गुरुवार को नामों की घोषणा की जा सकती है। तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए जबर्दस्त लॉबिंग के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से हर राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी शीर्ष पसंद बताने को कहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक एक अंदरूनी संदेश मंच (एप) का उपयोग करते हुए गांधी ने 7 लाख कार्यकर्ताओं को ऑडियो संदेश भेजा है और उनसे अपने-अपने राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चयन के लिए फीडबैक मांगा है। यह संदेश कब भेजा गया, उसका सटीक समय भी नहीं पता चल पाया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि जिन राज्यों में चुनाव हुए, वहां अनेक पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश भेजा गया है। इन तीनों राज्यों में से प्रत्येक में मुख्मयंत्री पद के लिए एक से अधिक नाम सामने आने के कारण गांधी ने अपने संदेश में कहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की पसंद सीधे उन तक पहुंचनी चाहिए और इसके बारे में किसी अन्य को पता नहीं चलना चाहिए।
इस संबंध में पार्टी के एक वरिष्ठ विधायक ने भी शक्ति एप से ऐसा संदेश मिलने की पुष्टि की। यह एप कांग्रेस प्रमुख पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। आपको बता दें कि जिन तीन राज्यों में कांग्रेस विजयी हुई है, वहां के नवनिर्वाचित विधायकों ने पार्टी पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में बैठक की। MP और राजस्थान में पार्टी नेताओं ने सरकार गठन के लिए दावा पेश करने के लिए राज्यपालों से मुलाकात भी की है।
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आगे हैं। मध्य प्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रबल दावेदार हैं। सरकार गठन के लिए संख्याबल जुटने के बाद निर्वाचित विधायकों ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को मुख्यमंत्रियों के नाम पर फैसला करने के लिए अधिकृत किया था।
बीएसपी और एसपी के समर्थन से राह आसान
कांग्रेस राजस्थान में बहुमत से एक सीट और एमपी में दो सीटें पीछे रही थी लेकिन मायावती की बीएसपी और अखिलेश की एसपी ने समर्थन का ऐलान कर दिया। इससे इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की राह आसान हो गई।
तेलंगाना और मिजोरम में सरकार कब?
उधर, तेलंगाना और मिजोरम में विजयी तेलंगाना राष्ट्र समिति और मिजो नैशनल फ्रंट की क्रमश: बृहस्पतिवार और शनिवार को सरकार बनने जा रही है। तेलंगाना राष्ट्र समिति के चंद्रशेखर राव आज तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद और मिजो नैशनल फ्रंट के जोरमथंगा शनिवार को मिजोरम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।