49 साल पहले इंदिरा गांधी ने पेश किया था बजट, निर्मला सीतारमण होंगी दूसरी महिला

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नई दिल्ली  : करीब आधी सदी के बाद दूसरी बार आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली कोई महिला इस बार बजट पेश करने वाली हैं. 5 जुलाई 2019 यानी शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं. इससे ठीक 49 साल पहले 28 फरवरी 1970 में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इंदिरा गांधी ने केंद्रीय बजट पेश किया था. हैरान करने वाली बात है कि जो महिलाएं घर का बजट संभालती हैं उन्हें ये मौका इतने सालों के बाद मिल रहा है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट के जरिए देश को क्या सौगात देने वाली हैं, ये तो शुक्रवार को ही पता चलेगा. 49 साल पहले इंदिरा गांधी ने जो बजट पेश किया था उसमें दो पार्ट थे. पहले पार्ट में 17 और दूसरे पार्ट में 38 बिंदु थे. आइए जानते हैं कि इंदिरा गांधी ने अपने 15 पेज के बजट में देश को क्या-क्या दिया था?

सिगरेट पर ड्यूटी बढ़ाकर 3 से 22% कर दिया था
इंदिरा ने बजट भाषण में कहा था कि मुझे माफ कीजिएगा लेकिन इस बार सिगरेट पीने वालों के जेब पर भार डालने वाली हूं. इसके बाद उन्होंने कहा कि सिगरेट पर ड्यूटी 3 से बढ़ाकर 22 फीसदी किया जा रहा है. इससे 10 सिगरेट वाले पैकेट की कीमत 1 से 2 पैसे तक बढ़ जाएगी. मुझे अनुमान है कि इस बढ़ोतरी से सरकार को अतिरिक्त 13.50 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा.

आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर 40 हजार रु. कर दी थी
मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर 40 हजार रुपए किया जा रहा है. इनकम टैक्स के जरिए देश को 3587 करोड़ मिलने वाला राजस्व अब बढ़कर 3867 करोड़ रुपए हो जाएगा.

गिफ्ट टैक्स की सीमा को घटाकर कर दिया आधा
डायरेक्‍ट टैक्‍स में इंदिरा गांधी ने गिफ्ट टैक्‍स के लिए संपत्ति की कीमत की अधिकतम सीमा 10,000 रुपए को घटाकर 5,000 रुपए कर दिया था. यानी, 5,000 रुपए से अधिक संपत्ति को गिफ्ट करने पर उसे टैक्‍स के दायरे में लाया गया था.

EPF में सरकार के योगदान की घोषणा
इंदिरा गांधी ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा था कि अब कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में कर्मचारी के 8 फीसदी और संस्था की भागीदारी के अलावा सरकार भी अपना हिस्सा देगी. ईपीएफ में पे कांट्रिब्यूशन को सरकारी मदद दी जाएगी. कर्मचारी की मौत के बाद फैमिली पेंशन के रूप में यह राशि एकमुश्त परिवार को दी जाएगी.

अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के गठन की घोषणा
इंदिरा गांधी ने बजट में 10 करोड़ रुपए का प्रावधान कर शहरी विकास परिषद (अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के गठन की घोषणा की. अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का काम था कि यह शहरों में मौजूद झुग्गी-बस्ती की समस्या को दूर करेगी. आवास और शहरी जमीन के विकास के लिए बाजार से फंड जुटाएगी. आवास की कमी को पूरा करने के लिए तेजी से निर्माण कार्य करेगी.
केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन राशि में 40 रु. प्रतिमाह की बढ़ोतरी
इंदिरा गांधी ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन की राशि को 40 रुपए प्रतिमाह बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था. यह बढ़ोतरी उनके लिए भी थी जो पहले ही रिटायर हो चुके थे. यह सुविधा औद्योगिक कर्मचारियों के लिए भी लागू थी.

घरों की कीमत सीमा से अधिक होने पर वेल्थ टैक्स लगेगा
इंदिरा गांधी ने गांव से लेकर शहरों तक के घरों की कीमत को एक सीमा से अधिक रखने पर वेल्थ टैक्स के दायरे में लाने की घोषणा की. इस बजट से पहले 10 हजार से छोटी जनसंख्या वाले इलाकों के घरों पर वेल्थ टैक्स नहीं लगता था. जबकि, शहरों में 1 लाख रुपए तक के घरों को इस टैक्स से बाहर रखा गया था. बजट के बाद गांवों में भी 1 लाख रुपए से अधिक कीमत वाले घरों को वेल्थ टैक्स के दायरे में ले आया गया था.

बजट में निवेश की सीमा और दायरा बढ़ाने की घोषणा
इंदिरा ने अपने बजट में निवेश की सीमा और उसका दायरा बढ़ाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि बजट से पहले यूनिट ट्रस्ट से 1 हजार रु. तक की आय के अलावा छोटी बचत योजनाओं, पोस्ट ऑफिस बचत खाते में जमा पर ब्याज और भारतीय कंपनियों में शेयरों के लाभांश पर 1 हजार रुपए तक की छूट को बढ़ाकर 3 हजार रु. तक कर दी गई थी. इसके दायरे में केंद्र व राज्य सरकार की सिक्योरिटीज, रूरल डिबेंचर्स, बैंकिंग कंपनियों में डिपॉजिट्स और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट एकाउंट्स समेत कुछ अन्य फाइनेंसियल एसेट्स में भी निवेश को लाया गया.

केंद्र सरकार की योजनाओं के खर्च को 15 फीसदी बढ़ाया
इंदिरा गांधी ने बजट में केंद्र सरकार की योजनाओं के खर्च में 15% की बढ़ोतरी की थी. 1969-70 में 1223 करोड़ रु. के खर्च की तुलना में 1970-71 में 1411 करोड़ रु. आवंटित किए गए थे. कृषि से जुड़ी योजनाओं पर 39 करोड़ का बजट बढ़ाया गया था.

केंद्रीय योजनाओं के बजट में बढ़ोतरी
इंदिरा गांधी ने अपने बजट में केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं के लिए बजट में बढ़ोतरी की घोषणा की. परिवहन और संचार के लिए 84 करोड़, ऊर्जा के 31 करोड़, परिवार नियोजन और सामाजिक कार्यों के लिए 28 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा था. बजट में उन्होंने चौथे पंचवर्षीय योजना के पहले साल 1969-70 में उन्होंने 5 से 5.50% की ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था.

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